विश्वास ज़िंदा है

विश्वास ज़िंदा है
Author | रामदरश मिश्र |
Year of Issue | 2017 |
Publication Name | अमन प्रकाशन |
Link | https://www.amazon.in/-/hi/Ramdarash-Mishra/dp/9385476580 |
Description
'विश्वास ज़िन्दा है' रामदरश मिश्र की चौथी डायरी-पुस्तक है। मिश्र जी इन दिनों डायरी और कविता-लेखन में ही रमे रहे। अपने और समाज के जीवन में जो विशेष तथा सामान्य घटित हो रहा है उसे मिश्र जी सहज भाव से अपनी डायरी में उतार लेते हैं।इनकी पूववर्ती डायरियों की भाँति इसमें भी प्रकृति है, मनुष्य है, उनके आपसी संबंध हैं, आस-पास का सुख-दुख है, कुछ विमर्श हैं, कुछ संवाद हैं, कुछ उपलब्धियाँ हैं, कुछ रिक्तताएँ हैं। मिश्र जी कवि हैं, कथाकार हैं, आलोचक हैं, अतः इन सबकी छवियाँ इनकी हर डायरी में दिखाई पड़ती हैं, मिश्र जी मूल्यों में विश्वास करने वाले लेखक हैं। तमाम मूल्यहीनताओं के बीच से गुजरते हुए वे जहाँ मूल्य छवि देख लेते हैं वहाँ उनकी लेखनी परम उत्साहित होकर कहती है यह दुनिया, यह जीवन अनेक सीमाओं के बावजूद जीने के योग्य है। अनेक अच्छे मनुष्यों के दिखाई पड़ते ही लेखक कह उठता है- 'विश्वास जिन्दा है।'