मेरा लेखन
गीत/मुक्तक
धूप के टुकड़े
मुक्तक हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें न केवल लय है बल्कि भाव की ऐसी प्रवणता होती है धूप क
लम्हे बोलते हैं
अपने लघु रूप में भी मुक्तक इतने मारक होते हैं जिसकी तुलना ही नहीं की जा सकती | उस पर मिश्र जी के मुक्