मेरा लेखन

डायरी

मेरा कमरा

मिश्र जी की डायरी लेखन कला इतनी मजबूत और ससक्त है की उनकी भाषा अपने आप में बहता नीर हो जाती है |

आस-पास

बाहर-भीतर

विश्वास ज़िंदा है

आते जाते दिन

सूख दुख के राग