मेरी गीत यात्रा

Description

मेरी गीत-यात्रा मेरे समग्र गीतों का संकलन है। मैं अपनी काव्य-यात्रा के प्रारंभ में मुख्यतः गीतकार था। इस संकलन के प्रारंभिक यानी सन् 1945 और 1951 के बीच के गीत मेरे प्रथम काव्य-संग्रह 'पथ के गीत' में संगृहीत हैं। इस संकलन में 'पथ के गीत' के वे गीत नहीं लिए गए हैं जो अधिक रोमानी से हैं। मुझे प्रिय हैं तो भी। सन् 1962 में 'मेरा दूसरा काव्य संग्रह 'बैरंग बेनाम चिट्ठियाँ' नाम से आया। इस संग्रह के गीत सादगी और ताज़गी लिए हुए हैं। यानी मेरे गीतों में समयानुकूल बदलाव दिखाई पड़ने लगा था। 1969 में प्रकाशित 'पक गई है धूप' तक मुक्त छन्द के साथ गीत भी प्रचुर संख्या में चलते रहे। उसके बाद गीतों की संख्या घटती गई। वे कभी-कभार संग्रहों में आ जाते रहे किंतु उनसे मेरा लगाव नहीं छूटा। यही वजह है कि 2010 में प्रकाशित काव्य-संग्रह 'कभी-कभी इन दिनों' में वे काफी संख्या में उपस्थित हो गए हैं। उसके बाद के संग्रहों में भी उनकी आहट बनी हुई है। लेकिन सच यही है कि मेरी परवर्ती काव्य-यात्रा मुक्त छन्दमयी होती गई और अब मेरा केन्द्रीय लगाव उसी से है।