नेता की चादर

नेता की चादर
Author | रामदरश मिश्र |
Year of Issue | 2007 |
Publication Name | स्वराज प्रकाशन |
Link | 21, अंसारी रोड, सेंट्रल, दरियागंज, दिल्ली, 110002 |
Description
'नेता की चादर' रामदरश मिश्र की विशिष्ट कहानियों का संग्रह है। रामदरश मिश्र अपने परिवेशगत अनुभवों एवं देशी दृष्टि पर बल देने वाले कथाकार हैं। कहानियाँ चाहे गांव के जीवन से संबंधित हों चाहे नगर के जीवन से, इनमें अपने परिवेश का यथार्थ सच्चे स्वर में बोलता है। मिश्रजी कभी उन विदेशी फलसफों की लपेट में नहीं आए जो भारतीय जीवन के अनुभव और सोच में जज्ब नहीं हुए जो केवल भद्र समाज की बहसों में ही रहे। मिश्रजी की कहानियों में विचार की भी बड़ी भूमिका है किंतु विचार अनुभवों में रच-बस कर चलता है। मिश्रजी का बचपन जिस परिवेश में बीता और बाद में भी जिस परिवेश में उनकी जीवन-यात्रा गतिशील रही वह परिवेश अभावों से अभिशप्त रहा है और सतत संघर्षशील भी। इन परिवेशों में भारत के आम आदमी की जिंदगियाँ हैं जो अनेक समस्याओं से टकराती हुई लहूलुहान होती रहती हैं, अनेक सुखात्मक दुखात्मक अनुभवों से कसमसाती रहती हैं और फिर भी जिजीविषा से दीप्त होकर कर्ममय बनी होती हैं। ये जिंदगियाँ ही देश की बुनियादी शक्तियाँ हैं, उसका केंद्रीय चरित्र हैं। मिश्रजी ने अपनी कहानियों में इन्हीं जिंदगियों की पहचान उभारी है और वे अपने को इन्हीं के साथ पाते हैं। ये इन जिंदगियों को शोषित करने वाली राजनीति, धर्म, अर्थव्यवस्था तथा भद्रलोक के विविध जन-विरोधी कार्यकलापों के चेहरे बेनकाब करते हैं तथा उन पर कलात्मक ढ़ग से से प्रहार करते हैं। उन्हीं जिंदगियों के खुरदरेपन तथा मटमैलेपन के भीतर से मूल्यों की ज्योति उजागर करते हैं। वास्तव में मिश्रजी की कहानियाँ प्रेमचंद की परंपरा में आने वाली अपने समय की कहानियाँ हैं जो तमाम तरह के उलझावों से मुक्त होकर यथार्थ के सहज मार्ग पर चलती हैं और अपनी सहजता तथा विश्वसनीयता के कारण पाठकों को अपनी-सी लगने लगती हैं।