रामदरश मिश्र जीवन और साहित्य

रामदरश मिश्र जीवन और साहित्य

Author ओम निश्चल
Year of Issue 2023
Publication Name सर्व भाषा ट्रस्ट
Link https://www.amazon.in/-/hi/Om-Nishchal/dp/811920817X

Description

हिंदी के साहित्य के सक्रिय परिदृश्य में यह पहली बार घटित हो रहा है कि एक लेखक अपनी उम्र के सौवें वर्ष में है। संभवत: रामदरश मिश्र हिंदी के ऐसे पहले साहित्यकार हैं जो अपने जीवित रहते हुए जन्म शताब्दी मना रहे हैं। यह भी संयोग है कि कायिक शैथिल्य के बावजूद वे घर में चल-फिर लेते हैं, लेखकों के आने पर उनसे जीवंतता से बतियाते हैं, अपनी सुनाते हैं और उनकी सुनते हैं। एक सहज उत्फुल्लता और उदार स्मिति से भर उठते हैं। जैसे कोई अपने अंकवार में भरकर बच्चे की तरह दुलार रहा हो। हमारे यहाँ जितने भी सक्रिय रचनाकार हैं उनमें से अधिकांश उनसे लगभग 18 -20 वर्ष कम उम्र के होंगे। इस के बावजूद बावजूद वे अब भी कविताएँ, ग़ज़लें, मुक्तक और डायरी नियमित रूप से लिखते हैं और घर पर आई हुई पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ते हैं और पढ़ कर खुश होते हैं। सुबह समय से जग जाते हैं और शाम को भोजन थोड़ा पहले ही कर लेते हैं। 99 साल की उम्र में कूल्हे के ऑपरेशन के बावजूद घर में उनकी आमदरफ्त बनी रहती है और अगर बैठकी के बीच कुछ याद हो आए तो वह अपनी डायरी या पुस्तक लेने के लिए स्वयं ही उठ खड़े होते हैं। यह एक शती पुरुष की दिनचर्या है और यह उससे आगे की पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय भी है।