हम हो गए स्वयं खुशबूघर

हम हो गए स्वयं खुशबूघर

मिश्र जी की काव्य कला का कोई जोड़ नहीं है या पुस्तक इस बात को प्रमाणित कर देगी |

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2024
Publication Name सर्व भाषा ट्रस्ट
Link https://www.amazon.in/-/hi/Ramdarash-Mishra/dp/8197669473

Description

हम हो गए स्वयं खुशबूघर'शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र की प्रेम कविताओं का एक विशेष संकलन है। रामदरश मिश्र की प्रेम कविताओं में जीवन की गहराई, संवेदनशीलता, और मानवीय रिश्तों की कोमलता की अभिव्यक्ति होती है। उनके लेखन में एक सरलता और भावनाओं की सुगंध मिलती है, जो पाठकों के दिलों को छू लेती है। इस संकलन में प्रेम को केवल रोमांटिक रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक दृष्टिकोण से देखा गया है, जिसमें आत्मीयता, जीवन की सादगी और मानवीय संबंधों की मधुरता समाहित है। रामदरश मिश्र की शैली हिंदी साहित्य के प्रेम-काव्य में एक अद्वितीय स्थान रखती है।