सपना सदा पलता रहा

सपना सदा पलता रहा

मिश्र जी की गजलगोई बेजोड़ है जिसका मुकाबला हिन्दी साहित्य में तो क्या विश्व साहित्य में भी उपलब्ध

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2016
Publication Name
Link https://hindibook.com/index.php?p=sr&format=fullpage&Field=bookcode&String=9788171501779

Description

मिश्र जी का मानना है की जब तक कविता किसी की पीड़ा को किसी की प्रसन्नता को अभिव्यक्त न कर सके तब तक वह कविता है ही नहीं | कविता कविता तभी बन सकती है जब उसमें सामान्य जान का दर्द हो उसकी पीड़ा का चित्रण हो अन्यथा वह कविता कविता नहीं है कोर बयान है | मिश्र जी की काव्य कला बेजोड़ है जिसका मुकाबला हिन्दी साहित्य में तो क्या विश्व साहित्य में भी उपलब्ध नहीं है |