एक दुनिया अपनी

एक दुनिया अपनी
Author | रामदरश मिश्र |
Year of Issue | 2014 |
Publication Name | आभा पब्लिकेशन |
Link | https://www.amazon.in/-/hi/Ramdarash-Mishra/dp/9382383182 |
Description
रामदरश मिश्र ने अनेक श्रद्धेयों, मित्रों और शिष्यों पर संस्मरण लिखे हैं जो 'स्मृतियों के छंद' 'पड़ोस की खूशबू' और 'अपने अपने रास्ते' में संगृहीत हैं। 'एक दुनिया अपनी' में उन व्यक्तियों के संस्मरण हैं जिनसे मिश्रजी की गहरी निकटता रही है और जिनके साथ वे काफी दूर तक चले हैं। इस संग्रह के संस्मरणों में लेखक ने संस्मर्ण्य व्यक्तियों की आंतरिक और बाह्य छवियों को तो उजागर किया ही है, उन अनेक अंतरंग क्षणों और प्रसंगों को भी चित्रित किया है, जिनका वह साक्षी और भोक्ता रहा है। मिश्रजी के सारे संस्मरणों में उनका अनुभव प्रधान रहा है किंतु 'एक दुनिया अपनी' में तो उन्हीं लोगों के संस्मरण हैं जिनके साथ उनकी लंबी सहयात्रा रही है और जिनसे उन्होंने किसी न किसी रूप में गहरा अपनापन पाया है। इसलिए इन संस्मरणों में गहरी अंतरंगता है, जीवन- प्रसंगों का वैविध्य है और सुख-दुःख की अनेक भाव तथा विचार-छवियाँ हैं। मिश्रजी ने इन व्यक्तियों के व्यक्तित्वों की संश्लिष्टता को मूर्त करते हुए उनकी मूल्य-छवियों को रेखांकित किया है। वास्तव में मिश्र जी किसी व्यक्ति को नंगा करने के लिए नहीं, बल्कि उसके उजास को फैलाने के लिए और उस उजास के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए संस्मरण लिखते हैं।