विरासत

विरासत

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2006
Publication Name वाणी प्रकाशन
Link वाणी प्रकाशन ग्रुप, 4695, 21ए दरियागंज, नयी दिल्ली-110002

Description

लेखक के कथनानुसार ये कहानियाँ उसके उपन्यासों के कुछ मार्मिक अंशों को लेकर रची गयी हैं। ये कहानियाँ उपन्यासों से सम्बद्ध होकर भी कहानियों की स्वतंत्र सत्ता प्राप्त कर सकी हैं। मिश्र जी के संपूर्ण लेखन का आधार उनका परिवेश-जीवन रहा है। अपने समय और परिवेश के गर्भ से उत्पन्न यथार्थ की संगतियों, विसंगतियों के विविध आयाम इन कहानियों में मूर्त हुए हैं, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संदर्भ के अनेक प्रश्न, द्वन्द्व एवं संघर्ष कसमसा रहे हैं। मिश्र जी आज के समय में निरंतर गहन होती जाती मूल्यहीनता को खहरे पहचानते हैं और अपनी रचनाओं में उन्हें उकेरते हैं किन्तु समग्रतः उनके लेखन का स्वर मूल्यवादी है। मूल्यों के प्रति आस्था उनके लेखन के किसी न किसी रूप में ध्वनित होती रहती है। इन कहानियों में भी उसका स्वर व्याप्त है। मिश्र जी की इस चेतना के पीछे उनकी समाजधर्मी दृष्टि तो है ही गहरा दर्द भी है। उस दर्द के कारण ये कहानियाँ गहरी संवेदनशीलता से स्पंदित हैं और दृष्टि इन्हें मानववादी अन्विति प्रदान करती है।