पचास कविताएँ

पचास कविताएँ

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2011
Publication Name वाणी प्रकाशन
Link https://vaniprakashan.com/home/product_view/4022/Pachas-Kavitayen-Nai-Sadi-Ke-Liye-Chayan-Ramdarash-Mishr

Description

मेरा पहला काव्य संग्रह 'पथ के गीत' सन् 1951 में प्रकाशित हुआ किन्तु मेरी काव्य यात्रा को सही दिशा उसके बाद प्राप्त हुई- यानी नयी कविता के दौर में। नयी कविता से जब मैं जुड़ा तब मार्क्सवादी दृष्टि अपना चुका था। अपने गाँव तथा समाज से प्राप्त मेरे अनुभव को एक ठोस विचार-दृष्टि प्राप्त हो गयी थी किन्तु मेरी कविता किसी भी वाद के झंडे के नीचे नहीं आयी। वह समय के साथ चलती हुई नये अनुभवों, मूल्यों, प्रश्नों एवं शिल्पगत मुहावरों से सहज ही जुड़ती गयी। बुनियादी जमीन से जुड़ी रह कर उसने अपने को परिवर्तन की नवता के प्रति खुला रखा। क्रमशः आने वाले कविता-संग्रहों बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ, पक गयी है धूप, कन्धे पर सूरज, दिन एक नदी बन गया, जुलूस कहाँ जा रहा है, आग कुछ नहीं बोलती, बारिश में भीगते बच्चे, ऐसे में जब कभी, आम के पत्ते, कभी-कभी इन दिनों की कविताएँ समय-साहचर्य से उपजी कविताएँ हैं। प्रस्तुत संकलन (50 कविताएँ) में इन सभी संग्रहों से ली गयी हैं।