समवेत

समवेत

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2022
Publication Name अमन प्रकाशन
Link https://www.amazon.in/-/hi/Ramdarash-Mishra/dp/9391913539

Description

सन् 2017-18 में तो मैंने कविताएँ लिखी किन्तु उसके बाद एक ठहराव सा आ गया। मैं सोचता रहा कि आखिर पचीस-तीस पृष्ठों की तो कोई कविता-पुस्तक बनेगी नहीं, इन कविताओं का क्या होगा? वैसे तो सभी कविताएँ पत्रिकाओं में छप चुकी हैं किन्तु ये बिखरी बिखरी रहेगी, इनका समवेत अस्तित्व तो बन नहीं पायेगा। फिर सोचा जो है सो है क्यों चिंता की जाय। कोरोना काल में एक दिन मेरे भीतर से एक मुक्तक फूट पड़ा। उसके बाद तो मुक्तकों का क्रम चल पड़ा और लगभग छब्बीस मुक्तक रचित हो गये। इसी मनःस्थिति में तीन ग़ज़लें, दो मुक्त छन्द की कविताएँ, एक गीत रचित हो गये। याद आया कि कुछ ग़ज़लें और मुक्तक पहले से लिखित पड़े हैं। कुछ भोजपुरी गीतों ने भी अपनी याद दिलाई। तो लगा कि इन सबको एक साथ रखकर एक संग्रह बन सकता है। तो समवेत नाम से यह संग्रह प्रस्तुत है।