समकालीन हिंदी कविताएँ
Description
साहित्य की चेतना और स्वर सामाजिक दबाव से बदलता रहता है। जो नये रचनाकार परिदृश्य में आते हैं उनके सामने सामाजिक दबाव से बना एक विशेष कालखंड होता है और वे उस कालखंड की वास्त विकता से सीधे प्रभाव ग्रहण करते हैं किन्तु जो लोग पहले से लिखते आ रहे हैं उनके अनुभव, दृष्टि और संस्कार काफी कुछ बन चुके होते हैं, वे एक लम्बी रचना- यात्रा कर चुके होते हैं। नये कालखंडों की बदली हुई वास्तविकताओं से वे भी टकराते हैं और वे भी प्रभाव ग्रहण कर अपनी रचना को नया आयाम देते हैं। अतः किसी कालखंड में एक साथ कई पीढ़ियों के लोग रचना- रत रहकर उसकी अस्मिता निर्मित करते हैं।
प्रस्तुत संकलन में सभी पीढ़ियों के नयी चेतना से सम्पन्न कवियों की कविताएँ संकलित कर एक समग्र काव्य-चित्र प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है। इन सभी कविताओं से हमारे समय का एक यथार्थ चित्र बनता है। अनेक कविताओं के अनेक रंग और रेखाएँ मिलकर जैसे एक बड़ी तस्वीर की रचना कर रही हैं। हम अनुभव करेंगे कि नवें दशक की कविता समग्र रूप से अधिक गहराई से अपने समय के सामने हुई है, उसकी चिता से जुड़ी है और पिछली कविताओं की अपेक्षा उसमें अधिक सहजता और पारदर्शिता आयी है।