पक गयी है धूप
Description
पक गयी है धूप मिश्र जी का तीसरा काव्य संग्रह है । इस संग्रह की कविताओं में मिश्र जी ने अपने समय के दबाव से उत्पन्न विभिन्न परिस्थितियों को उजागर किया है। इस संग्रह की हर कविता विडंबना, टूटन,तथा निराशा जैसे मानसिक भावों को बहुत मार्मिक रूप से प्रस्तुत करती है ।